पितृ अमावस्या व्रत कथा | Pitru Amavasya Vrat Katha PDF in Hindi

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप पितृ अमावस्या व्रत कथा / Pitru Amavasya Vrat Katha PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। वैशाख अमावस्या हिंदू महीने के अंतर्गत वैशाख के महीने में अमावस्या वाले दिन होती है अधिकतर यह अप्रैल या मई के महीने में आती है आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी के लिए वैशाख अमावस्या से संबंधित जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं।

यह दिन हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है इसी दिन से वैशाख के नए चंद्र के महीने की शुरुआत होती है इस दिन धार्मिक स्थलों पर पूजा-पाठ और पवित्र नदी में स्नान को विशेष महत्व प्राप्त है  यहाँ से आप पितृ अमावस्या की कथा सभी जानकारी आसानी से एकत्रित कर सकते हैं तथा बिना किसी परेशानी के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके वैशाख अमावस्या पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते हैं।

पितृ अमावस्या व्रत कथा | Pitru Amavasya Vrat Katha PDF in Hindi – सारांश

PDF Name पितृ अमावस्या व्रत कथा | Pitru Amavasya Vrat Katha PDF in Hindi
Pages 1
Language Hindi
Source pdfinbox.com
Category Religion & Spirituality
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वैशाख अमावस्या की कथा | Vaishakh Amavasya ki katha

हिंदू धर्म के अंतर्गत वैशाख अमावस्या की बहुत सी कथाएं हैं परंतु उनमें से एक प्रसिद्ध कथा यह है कि प्राचीन समय में एक शहर में धर्म वर्ण नाम का एक ब्राह्मण रहता था मैं ब्राह्मण पूर्ण रूप से शुद्ध सात्विक प्रवृत्ति का था वह काफी करीब था परंतु इसके बावजूद वह अच्छे कामों में लगा रहता था जिस भी व्यक्ति को सहायता की जरूरत होती है उसकी मदद अवश्य करता है और हमेशा साधुओं की इज्जत करता था
सभी सत्संग में भी भाग लेता था

एक दिन जब है एक सत्संग में बैठा था तो उसे पता चला कि भगवान विष्णु का नाम लेने से कलयुग के सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं और भगवान हरि का नाम लेने से शुभ फल की प्राप्ति होती है उसने भगवान जी का नाम लेना शुरू किया और जीवन की मुक्ति के लिए वानप्रस्थ को अपना लिया और सन्यासी बन गया जब वह भ्रमण के लिए गया तो उसने देखा कि कहा उसके पूर्वजों को कष्ट हो रहा है

धर्म वर्ण ने यह सब देखने के बाद अपने पूर्वजों से पूछा कि यह सब क्या हो रहा है तो उन्होंने बताया कि संसार की जीवन का त्याग करने और पारिवारिक जीवन के सभी नियमों का पालन ना करने की वजह से उनका परिवार आगे नहीं बढ़ सका इसी कारण यह सब हो रहा है अगर धर्म वर्ण को संतान नहीं होगी तो आने वाली पीढ़ी का पिंडदान कौन करेगा वे यह सब भोगते रहेंगे पर उन्हें मुक्ति नहीं मिलेगी इसलिए उन्होंने मुझसे कहा कि हमारी मुक्ति के लिए अपने गृहस्ती जीवन पर ध्यान दो तभी हमें मुक्ति मिलेगी और आने वाली वैशाख के दिन हमें पिंड दान दें यह सभी बात सुनने के बाद वह अपने पूर्वजों को वचन देता है कि वह सन्यासी के जीवन को त्याग देगा इसके बाद उसने अपने गृहस्ती जीवन पर ध्यान दिया और कुछ साल बाद उसे बच्चा हुआ और आने वाली वैशाख के दिन वे पूर्ण विधि-विधान से पिंडदान करते हैं

वैशाख अमावस्या पूजा महूर्त

19 अप्रैल 2023 को 11:24 से शुरू होकर 20 अप्रैल 2023 को 09:43 तक

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