नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए महागौरी माता की कथा / Mahagauri Mata Katha in Hindi PDF में प्रदान करने जा रहे हैं। नवरात्रों में माता सती के 9 रूपों की पूजा की जाती है और जो भी व्यक्ति नवरात्रों को सच्चे दिल से मानता है तथा सभी देवियों की पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसका जीवन मंगलमय हो जाता है इसीलिए आज हम आप सभी के लिए माता महागौरी की व्रत कथा लेकर आए हैं। माता महागौरी जिन्हें श्वेतांबर के नाम से भी जाना जाता है इनका स्वेतांबर नाम इनके श्वेत वस्त्र धारण करने की वजह से पड़ा।
माता महागौरी ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की इस वजह से इनका रंग काला हो गया परंतु भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इन्हे गंगा के पवित्र जल में तृप्त कर दिया इसके पश्चात माता के गौरव का वर्णन हो गया और इन्हें महागौरी माता के नाम से पूजा जाने लगा। आज आप यहां से माता की कथा आसानी से पढ़ सकते हैं साथ ही उसकी पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं नवरात्रों की सभी पोस्ट तथा अन्य धार्मिक पोस्ट देखने के लिए क्लिक करें।
महागौरी माता की कथा | Mahagauri Mata Katha in Hindi PDF – सारांश
PDF Name | महागौरी माता की कथा | Mahagauri Mata Katha in Hindi PDF |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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नवरात्रि आठवें दिन की कथा | Mahagauri Mata Ki Katha
नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी के स्वरूप की पूजा की जाती है। पौराणिक शिव पुराण की कथा के अनुसार, जब महागौरी केवल आठ वर्ष की थीं, तब उन्हें अपने पिछले जन्म की घटनाओं को स्पष्ट रूप से याद आने लगा। उसी समय से उन्होंने भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में स्वीकार कर लिया और भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या भी करने लगीं, जिससे देवी ने वर्षों तक घोर तपस्या की। वर्षों तक उपवास और निर्जल तप करने के कारण उनका शरीर काला पड़ गया था। उनकी तपस्या को देखकर भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने गंगा जी के पवित्र जल से उन्हें पवित्र किया, जिसके बाद माता महागौरी बिजली के समान तेजोमय और कांतिमान हो गईं। इसके साथ ही वह महागौरी के नाम से विख्यात हुईं।
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