हेलो दोस्तों, अगर आप अमावस्या व्रत पूजा विधि / Amavasya Vrat Puja Vidhi PDF in Hindi ढूंढ कर रहे हैं तो आप सही पेज पर हैं। हिंदू धर्म के अंतर्गत जिस दिन चंद्रमा को पृथ्वी पर नहीं देखा जा सकता है उस दिन अमावस्या का दिन होता है पुराने समय से ही हिंदू धर्म के अंतर्गत अमावस्या को विशेष महत्व प्राप्त है अमावस्या के दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है हिंदू धर्म के भविष्य पुराण के अनुसार अमावस्या का दिन पितरों को बहुत ही पसंद होता है यदि कोई भी व्यक्ति इस दिन अपने पितरों को जल अर्पित करता है तो उनकी तृप्ति हो जाती है।
शास्त्र पुराण के अनुसार पितरों को प्रसन्न करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है इसलिए पुराने समय से अमावस्या की व्रत को एक विशेष महत्व प्राप्त है यह व्रत विधि विधान से किया जाना चाहिए जिससे पितरों को तृप्ति मिल सके आज इस पोस्ट के माध्यम से आप आसानी से देख सकते हैं कि अमावस्या का व्रत किस विधि के द्वारा किया जाना चाहिए यहां से आप सभी अमावस्या व्रत की पूजा विधि देख सकते हैं तथा संपूर्ण विधि को नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके पीडीएफ के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं।
अमावस्या व्रत पूजा विधि | Amavasya Vrat Puja Vidhi PDF in Hindi – सारांश
PDF Name | अमावस्या व्रत पूजा विधि | Amavasya Vrat Puja Vidhi PDF in Hindi |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Source | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
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अमावस्या व्रत की विधि | Amavasya Vrat Ki Vidhi
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठे और स्नान करें।
- स्नान के पश्चात पितरों को याद करते हुए श्राद्ध का कार्य शुरू करें।
- भगवान को याद करते हुए एक हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें इसके बाद व्रत प्रारंभ होता है और रात व्रत शाम तक रहता है।
- इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन और कालिका मां की पूजा की जाती है।
- पीपल के वृक्ष का चक्कर लगाते हुए ब्रह्मा विष्णु महेश को याद किया जाता है।
- पीपल के वृक्ष को इन तीनों देवताओं का स्वरूप माना जाता है अंत में अगर आप चाहे तो दान दें।
- अमावस्या के दिन दान को विशेष महत्व प्राप्त है।
- अंत में पितरों से हाथ जोड़कर आशीर्वाद प्राप्त करें।
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