नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप विश्वकर्मा पूजा विधि मंत्र सहित PDF प्राप्त कर सकते हैं। विश्वकर्मा जी की पूजा प्रत्येक वर्ष कन्या सक्रांति पर की जाती है। इस पूजा को मुख्य रूप से दुकानों, कंपनियों, गोदामों, फैक्ट्रियों, इत्यादि सभी जगह पर किया जाता है। विश्वकर्मा वाले दिन सभी व्यापारी व मजदूर अपनी सभी मशीनों का पूजन विधि विधान से करते हैं। इसलिए इन्हें एक अन्य नाम सृष्टि का सुपर इंजीनियर से भी जाना जाता है। प्राचीन कथाओं के अनुसार मान्यता यह है कि भगवान विश्वकर्मा जी को सृष्टि के सृजन का दायित्व दिया गया था।
जो भी व्यक्ति विश्वकर्मा जी की पूजा विधि विधान से करता है उस पर विश्वकर्मा जी की कृपा हमेशा बनी रहती है और उसके व्यापार में कभी हानि का सामना नहीं करना पड़ता। यदि आप भी अपने व्यापार में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करना चाहते हैं या किसी अन्य समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपको भी विश्वकर्मा जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। आप इस पोस्ट में विश्वकर्मा पूजा विधि / Vishwakarma Puja Vidhi की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। और नीचे दिए गए डाउनलोड पीडीएफ बटन पर क्लिक करके पूजा विधि मंत्र सहित डाउनलोड कर सकते हैं।
विश्वकर्मा पूजा विधि मंत्र सहित PDF – सारांश
PDF Name | विश्वकर्मा पूजा विधि मंत्र सहित PDF |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Our Website | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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विश्वकर्मा जी की पूजा विधि | Vishwakarma Ji Ki Puja Vidhi
- विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पवित्र हो जाए।
- उसके बाद पूजा स्थल को साफ करके वहां पर गंगाजल छिड़क कर उसे पवित्र करें।
- पूजा के लिए एक चौकी लेकर उस पर एक पीले रंग का कपड़ा बिछा लें।
- पीले कपड़े पर लाल रंग की कुमकुम लेकर स्वास्तिक बनाएं।
- उसके बाद भगवान गणेश जी का ध्यान करते हुए उन्हें नमन करें।
- चावल और फूल स्वास्तिक पर अर्पित करें।
- जो चौकी आपने लगाई है उस पर भगवान विष्णु और ऋषि विश्वकर्मा जी की एक फोटो लगाएं।
- एक दिया जला कर चौकी पर रख दें फिर भगवान विष्णु और ऋषि विश्वकर्मा जी के माथे पर तिलक लगाएं।
- ऐसा करने के पश्चात दोनों हाथ जोड़कर विष्णु जी और विश्वकर्मा जी को प्रणाम करें और उनका ध्यान करें मन ही मन नौकरी, व्यापार की तरक्की के लिए प्रार्थना करें।
- उसके बाद विश्वकर्मा जी के मंत्र का 108 बार जाप करें।
- और फिर पूर्ण आस्था के साथ भगवान विष्णु जी की आरती करें उसके बाद विश्वकर्मा जी की आरती अवश्य करें।
- आरती के पश्चात फल, मिठाई का भोग लगाएं और इस भोग को सभी लोगों में बांट दें।
विश्वकर्मा पूजा मंत्र | Vishwakarma Puja Mantra
मंत्र जाप करने से पहले एक कलश लेकर उसमें रोली और अक्षत लगाएं और दोनों चीजों को हाथों में ले:-
ॐ आधार शक्तपे नम; ओम कूमयि नम; ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम।
इस मंत्र को पढ़ने के पश्चात सभी चीजों पर रोली और अक्षत को छिड़क दें। फिर फूल चढ़ाएं और भगवान जी को भोग लगाएं और जल पिलाएं। उसके पश्चात भगवान के प्रसाद को सभी लोगों में बांट दें।
Vishwakarma Ji Ki Aarti / Vishwakarma Aarti
भगवान विश्वकर्मा जी की आरती पढ़ने के लिए नीचे देख रहे लिंक पर क्लिक करें।
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