नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए विष्णु भगवान की आरती / Vishnu Ji Ki Aarti PDF in Hindi में प्रदान करने जा रहे हैं। भगवान विष्णु जिनकी पूजा संपूर्ण संसार में की जाती है और आज जो आरती हम आप सभी के लिए प्रस्तुत करने जा रहे हैं यह बहुत ही लोकप्रिय है विष्णु जी की आरती मुख्य रूप से गुरुवार के दिन की जाती है भारत के बहुत से क्षेत्रों में गुरुवार को बृहस्पतिवार के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसा माना जाता है जो भी व्यक्ति अपने जीवन में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहा है यदि वह निरंतर सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना करता है तो उसके जीवन के सभी दुख खत्म हो जाते हैं और उस पर भगवान की असीम कृपा बनी रहती है। आज हम आप सभी के लिए भगवान विष्णु जी की आरती प्रस्तुत करने जा रहे हैं जहां से आप आरती को आसानी से पढ़ सकते हैं। साथ ही बिना किसी परेशानी के उसका पीडीएफ भी नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।
विष्णु भगवान की आरती | Vishnu Ji Ki Aarti PDF in Hindi – सारांश
PDF Name | विष्णु भगवान की आरती | Vishnu Ji Ki Aarti PDF in Hindi |
Pages | 2 |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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Vishnu Aarti | Vishnu Bhagwan ki Aarti
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे।
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
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