नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप सूर्य छट व्रत कथा / Surya Chhath Vrat Katha PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। हिंदू धर्म के अंतर्गत सूर्य देव जी को एक मुख्य देव माना जाता है तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में सूर्य देव जी की पूजा की जाती है ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सूर्य देव की पूजा सच्चे दिल से करता है उसके तेज में निश्चित ही वृद्धि होती है।
उसे कभी भी अपने जीवन में बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता। आज हम आप सभी के लिए सूर्योदय षष्ठी व्रत कथा लेकर आए हैं यहां से आप सूर्य देव जी को प्रसन्न करने के लिए सूर्यदेव छट व्रत कथा का निरंतर जाप कर सकते हैं और यदि आप चाहें तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इसकी पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं
सूर्य छट व्रत कथा | Surya Chhath Vrat Katha PDF in Hindi – सारांश
PDF Name |
सूर्य छट व्रत कथा | Surya Chhath Vrat Katha PDF in Hindi |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Source | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
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Surya Shashti Vrat Katha
सूर्य देव जी की कथा ( षष्ठी व्रत कथा) के अनुसार प्रियव्रत नाम की एक राजा थे उनकी पत्नी का नाम मालिनी जी था दोनों की एक भी संतान नहीं थी इसी बात को लेकर दोनों बहुत परेशान रहते थे एक दिन महर्षि कश्यप ने यज्ञ पुत्रेष्टि करवाया यज्ञ कराने के फलस्वरूप रानी गर्भवती हो गई।
परंतु 9 महीने के पश्चात जब बच्चा पैदा हुआ तो रानी को मरे हुए पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जब यह बात राजा को पता चली तो राजा को बहुत ही दुख हुआ इस दुख की वजह से राजा ने आत्महत्या करने का मन बना लिया और जब राजा आत्महत्या करने जा रहे थे तो उनके सामने एक सुंदर देवी प्रकट हुई।
देवी ने राजा से कहा कि मैं षष्टी देवी हूं मैं मनुष्य को पुत्र का सौभाग्य देती हूं देवी ने कहा जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से मेरी पूजा करता है मैं उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण कर देती हूं यदि तुम भी मेरी पूजा सच्चे दिल से करोगे तो मैं तुम्हें भी पुत्र रतन प्रदान करूंगी राजा ने यह सब बात सुनकर देवी की पूजा की।
राजा और उसकी पत्नी ने षष्टी तिथि के दिन षष्टी देवी की पूजा पूर्ण विधि-विधान से की इसी के कारण उन्हें एक बहुत ही सुंदर पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई उसी दिन से छठ का पावन पर्व मनाया जाता है।