सोमवार व्रत आरती | Somvar Vrat Aarti PDF

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप सोमवार व्रत आरती / Somvar Vrat Aarti PDF देख कर सकते हैं। भगवान शिव की पूजा जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से करता है उसे जीवन में किसी भी वस्तु की कमी नहीं होती यदि हम हिंदू पंचांग की बात करते हैं तो भगवान शिव की पूजा सोमवार के दिन विशेष रूप से की जाती है सोमवार के दिन लोग भगवान शिव का व्रत रखते हैं और पूरे दिन भूखे रहते हैं जिससे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके।

जो भी व्यक्ति सोमवार के दिन सच्चे दिल से भगवान शिव की आराधना करता है और सही विधि से भगवान की पूजा करता है उसे इच्छा अनुसार फल की प्राप्ति होती है आज इस पोस्ट के माध्यम से आप सोमवार की आरती पढ़ सकते हैं साथ ही आप चाहे तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

 

सोमवार व्रत आरती | Somvar Vrat Aarti PDF – सारांश

PDF Name सोमवार व्रत आरती | Somvar Vrat Aarti PDF
Pages 2
Language Hindi
Source pdfinbox.com
Category Religion & Spirituality
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सोमवार व्रत कथा आरती | Somvar Ki Aarti

|| शिव आरती ||

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥


हर हर महादेव

 

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