स्कंदमाता की आरती | Skandmata Ki Aarti PDF in Hindi

नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए स्कंदमाता की आरती | Skandmata Ki Aarti PDF in Hindi  में प्रदान करने जा रहे हैं। नवरात्रों के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है सिकंद माता हिमालय की पुत्री हैं इसलिए इन्हें पार्वती के नाम से भी जाना जाता है ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति स्कंदमाता की सच्चे दिल से प्रार्थना करता है। उसको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता स्कंदमाता के मुख्य रूप से 4 हाथ होते हैं।

स्कंदमाता माता को कार्तिकेय की माता भी कहा जाता है माता मुख्य रूप से कमल पर विराजमान रहती है। माता की सवारी सिंह यानी शेर है अपने जीवन में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो यह पोस्ट स्पेशल आपके लिए है। आज हम माता रानी की आरती लेकर आए हैं माता की आरती का निरंतर जाप करने से आपके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे नवरात्रों और धार्मिक चीजों से संबंधित जानकारी के लिए क्लिक करें

स्कंदमाता की आरती | Skandmata Ki Aarti PDF in Hindi – सारांश

PDF Name स्कंदमाता की आरती | Skandmata Ki Aarti PDF in Hindi
Pages 2
Language Hindi
Category Religion & Spirituality
Source pdfinbox.com
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नवरात्रि पांचवें दिन की आरती | Skandmata Ki Aarti Lyrics in Hindi

जय तेरी हो स्‍कंदमाता,

पांचवां नाम तुम्हारा आता।

सब के मन की जानन हारी,

जग जननी सब की महतारी।

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं,

हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।

कई नामो से तुझे पुकारा,

मुझे एक है तेरा सहारा।

कही पहाड़ों पर है डेरा,

कई शहरों में तेरा बसेरा।

हर मंदिर में तेरे नजारे,

गुण गाये तेरे भगत प्यारे।

भगति अपनी मुझे दिला दो,

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।

इन्दर आदी देवता मिल सारे,

करे पुकार तुम्हारे द्वारे।

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये,

तुम ही खंडा हाथ उठाये।

दासो को सदा बचाने आई,

‘चमन’ की आस पुजाने आई।

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