नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए सिद्धिदात्री माता की कथा / Siddhidatri Mata Vrat Katha in Hindi PDF में प्रदान करने जा रहे हैं। नवरात्रों के 9 दिन माता सिद्धिदात्री का व्रत किया जाता है यह व्रत मुख्य रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो अपने जीवन में किसी प्रकार की सिद्धि अथवा साधना चाहते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं की माता का नाम सिद्धियात्री है तो माता मुख्य रूप से सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली है।
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सिद्धिदात्री माता की कथा | Siddhidatri Mata Vrat Katha in Hindi PDF – सारांश
PDF Name | सिद्धिदात्री माता की कथा | Siddhidatri Mata Vrat Katha in Hindi PDF |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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नवरात्रि नौवें दिन की कथा | Siddhidatri Katha
एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की घोर तपस्या कर सभी आठ सिद्धियों को प्राप्त किया था। उसी समय मां सिद्धिदात्री की कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया था और वे अर्धनारीश्वर कहलाईं। यह मां दुर्गा का बहुत ही शक्तिशाली रूप है। शास्त्रों के अनुसार देवी दुर्गा का यह स्वरूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है।
कहा जाता है कि राक्षस महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवता भगवान शिव और भगवान विष्णु के पास याचना करने गए। तब वहां उपस्थित सभी देवताओं से एक शक्ति नुमा तेज निकलता है। उसके द्वारा एक मुख्य रूप की शक्ति का निर्माण हुआ जिन्हें मां सिद्धिदात्री के नाम से जाना जाने लगा।
पुरानी कथा तथा वेदों के अनुसार माता के पास अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व सिद्धियां है मुख्य रूप से मां माता के पास आठ सिद्धियां है और जो भी व्यक्ति माता की पूजा करता है माता उसे ऑटो सिद्धियों से पूर्ण करती हैं ।
मां सिद्धिदात्री को जामुनी या जामुनी रंग पसंद है। ऐसे में भक्त को नवमी के दिन इस रंग के वस्त्र पहनकर मां सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से मां की कृपा हमेशा बनी रहती है।
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