हेलो दोस्तों, अगर आप श्री राम स्तुति / Shri Ram Stuti PDF in Hindi ढूंढ कर रहे हैं तो आप सही पेज पर हैं। आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति को भगवान राम के आदर्शों का पालन करना चाहिए यदि उनके आदर्शों का पालन किया जाएगा तो यह पृथ्वी स्वर्ग बन जाएगी। पूरे भारतवर्ष में भगवान राम को पूजा जाता है।
भारत में ही नहीं दुनिया के अन्य कई देशों में श्री राम जी की पूजा की जाती है भगवान राम के त्योहारों को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है आज हम आप सभी के लिए भगवान राम का ध्यान लगाने के लिए श्री राम वंदना स्तुति लेकर आए हैं। यहां से आप आसानी से भगवान राम जाप कर सकते हैं यदि आप चाहे तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं डाउनलोड कर सकते हैं।
श्री राम स्तुति | Shri Ram Stuti PDF in Hindi – सारांश
PDF Name |
श्री राम स्तुति | Shri Ram Stuti PDF in Hindi |
Pages | 2 |
Language | Hindi |
Source | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
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Shri Ram Stuti Lyrics
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन, हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
।।सोरठा।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
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