नमस्कार दोस्तों, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आप सभी के लिए सौभाग्य सुंदरी व्रत कथा / Saubhagya Sundari Vrat Katha PDF लेकर आए हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार अगहन महीने की तृतीया को सौभाग्य सुंदरी व्रत रखने का प्रावधान है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को करवा चौथ के व्रत जितना ही शक्तिशाली माना जाता है। इस व्रत को रखने से पति की आयु में वृद्धि होती है। और साथ ही अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यदि दंपति की कुंडली में यदि कोई मांगलिक दोष लगा हुआ है तो वह भी दूर हो जाता है।
सौभाग्य सुंदरी का व्रत महिलाओं के द्वारा रखा जाता है। आप यदि इस व्रत को पूर्ण आस्था के साथ रखकर विधि विधान से व्रत कर कथा का पाठ करते हैं तो भगवान का आशीर्वाद सदैव आप पर बना रहेगा। इस पोस्ट में Saubhagya Sundari Vrat Ki Katha बिना किसी परेशानी के पढ़ें। पीडीएफ फॉर्मेट में कथा को डाउनलोड करने के लिए पोस्ट के लास्ट में दिख रहे डाउनलोड पीडीएफ बटन पर क्लिक करें।
सौभाग्य सुंदरी व्रत कथा | Saubhagya Sundari Vrat Katha PDF – सारांश
PDF Name | सौभाग्य सुंदरी व्रत कथा / Saubhagya Sundari Vrat Katha PDF |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Our Website | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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सौभाग्य सुंदरी व्रत की कहानी / Saubhagya Sundari Vrat Ki Kahani
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार देवी सती अपने पिता के वचनों से चिढ़कर और भगवान शिव का अपमान सुनकर अपनी देह त्याग दी थी। देह त्यागते समय उन्होंने अपने पिता से वादा किया था कि वह हर जन्म में भगवान शिव की पत्नी के रूप में ही आएंगी। इसके बाद उन्होंने अपना अगला जन्म माता पार्वती के रूप में लिया।
इस जन्म में माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। तभी से सौभाग्य सुंदरी व्रत की परंपरा चली आ रही है।
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