नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप रुक्मिणी द्वादशी व्रत कथा / Rukmini Dwadashi Vrat Katha PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मणी के जन्मदिन को हिंदू धर्म के अंतर्गत रुकमणी द्वादशी के रूप में मनाया जाता है वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष के 12वे दिन रुकमणी द्वादशी मनाई जाती है जो व्यक्ति सच्चे दिल से पूजा अर्चना करता है और व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है
भगवान कृष्ण और रुकमणी जी का पलायन और प्रेम कहानी श्रीकृष्ण से जुडी हुई प्रसिद्ध कहानियों में से एक है आज इस पोस्ट के माध्यम से आप रुकमणी द्वादशी से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कृपया इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करने से आप बिना किसी परेशानी के रुक्मिणी द्वादशी 2023 व्रत कथा पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं ऐसी ही अन्य धार्मिक पोस्ट प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।
रुक्मिणी द्वादशी व्रत कथा | Rukmini Dwadashi Vrat Katha PDF in Hindi – सारांश
PDF Name | परशुराम द्वादशी व्रत कथा | Parshuram Dwadashi Vrat Katha in Hindi PDF |
Pages | 2 |
Language | Hindi |
Source | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
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रुक्मिणी द्वादशी की कहानी | Rukmini Dwadashi Ki Kahani
रुक्मिणी के बड़े भाई रुक्मी ने उनका विवाह श्री कृष्ण के भाई शिशुपाल से तय किया था। रुक्मी और शिशुपाल दोनों की श्रीकृष्ण से शत्रुता थी। रुक्मिणी केवल श्री कृष्ण से ही विवाह करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने अवंतिका देवी मंदिर के पुजारी के माध्यम से श्री कृष्ण को यह बात बताई। यह जानकर श्री कृष्ण ने रुक्मिणी का अपहरण कर लिया और अवंतिका देवी मंदिर में ही रुक्मिणी से विवाह कर लिया। उस दिन वैशाख मास की द्वादशी तिथि थी, इस कारण इस दिन को रुक्मिणी द्वादशी के नाम से मनाया जाने लगा।