पार्श्वनाथ जी की आरती | Parshvanath Aarti PDF in Hindi

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप पार्श्वनाथ जी की आरती / Parshvanath Aarti PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। भगवान पार्श्वनाथ जी मुख्य रूप से जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर है भगवान पार्श्वनाथ जी का जन्म आज से लगभग 2900 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। इनका शुरुआत का जीवन एक राजकुमार के रूप में व्यतीत हुआ एक दिन जब अपने महल में थे तो नहीं देखा कि प्रवासी पूजा की सामग्री लिए महल की तरफ जा रहे थे।

उन्होंने उनको देखा और उनका पीछा किया तो उन्हें पता चला कि एक तपस्वी पंचाग्नि जला रहा था और उस आग में सांप का जोड़ा जलकर मर गया यहां से आप ऐसे ही रोमांचक तथ्य पढ़ सकते हैं। आज हम आप सभी के लिए श्री पार्श्वनाथ भगवान की आरती लेकर आए हैं  तथा भगवान जी की आरती को आसानी से देख सकते हैं। अगर आप चाहे तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आरती श्री पार्श्वनाथ जी पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

पार्श्वनाथ जी की आरती | Parshvanath Aarti PDF in Hindi – सारांश

PDF Name पार्श्वनाथ जी की आरती | Parshvanath Aarti PDF in Hindi
Pages 2
Language Hindi
Source pdfinbox.com
Category Religion & Spirituality
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Shri Parshvanath Bhagwan ki Aarti | Parasnath Swami aarti

 

ॐ जय पारस देवा, स्वामी जय पारस देवा |
सुर नर मुनिजन तुम चरणन की, करते नित सेवा |
ॐ जय पारस देवा ||
पौष वदी ग्यारस काशी में, आनंद अतिभारी,
अश्वसेन वामा माता उर , लीनो अवतारी |
ॐ जय पारस देवा ||
श्यामवरण नवहस्त काय पग, उरग लखन सोहें ,
सुरकृत अति अनुपम पा भूषण , सबका मन मोहें |
ॐ जय पारस देवा ||
जलते देख नाग नागिन को, मंत्र नवकार दिया,
हरा कमठ का मान ज्ञान का, भानु प्रकाश किया |
ॐ जय पारस देवा ||
मात पिता तुम स्वामी मेरे, आस करूँ किसकी,
तुम बिन दाता और न कोई , शरण गहूँ जिसकी |
ॐ जय पारस देवा ||
तुम परमातम तुम अध्यातम, तुम अंतर्यामी,
स्वर्ग-मोक्ष के दाता तुम हो, त्रिभुवन के स्वामी |
ॐ जय पारस देवा ||
दीनबंधु दु:खहरण जिनेश्वर, तुम ही हो मेरे,
दो शिवधाम को वास दास , हम द्वार खड़े तेरे |
ॐ जय पारस देवा ||
विपद-विकार मिटाओ मन का, अर्ज सुनो दाता,
सेवक द्वै-कर जोड़ प्रभु के , चरणों चित लाता |
ॐ जय पारस देवा ||
ॐ जय पारस देवा, स्वामी जय पारस देवा |
सुर नर मुनिजन तुम चरणन की, करते नित सेवा |
ॐ जय पारस देवा ||

आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पार्श्वनाथ जी की आरती / Parshvanath Aarti PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं।

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