नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप आप सभी को बाबा मोहन राम की आरती / Mohan Baba Ki Aarti PDF in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे है। भिवाड़ी में बाबा मोहन राम का मेला साल में 2 बार लगता है यह मुख्य रूप से होली और दिवाली पर लगता है पुरानी मान्यताओं के अनुसार साडे 300 साल पहले बाबा मोहन राम ने मिलकपुर गांव के निवासी नंदू को दर्शन दिया और कहा कि प्राणीमात्र की सभी समस्याओं में वे उनकी मदद करेंगे और यह आशीर्वाद उनके वंशजों पर भी बना रहेगा।
उसी दिन से बाबा मोहन राम की पूजा की जाती है यदि आप भी बाबा मोहन राम की आरती ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह है यहाँ से आप आरती का जाप कर सकते हैं और बिना किसी परेशानी के बाबा की आरती की पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं।
बाबा मोहन राम की आरती | Mohan Baba Ki Aarti PDF in Hindi – विवरण
PDF Name | बाबा मोहन राम की आरती | Mohan Baba Ki Aarti PDF in Hindi |
Pages | 8 |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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Aarti Baba Mohan Ram Ki | Baba Mohan Ram Aarti
जग मग जग मग जोत जली है,
मोहन आरती होने लगी है
पर्वत खोली का सिंहासन, जिसपर मोहन लगाते आसन
आ मंदिर मैं देते भासन उस मोहन की जोत जगी है।
जगमग जगमग…
कलयुग मैं अवतार लियो है पर्वत ऊपर वास कियो है
गाँव मिलकपुर मंदिर तेरा जहाँ दुखियो का लग रहा डेरा
ज्ञान का वहां भंडार भरा है सीताफल का वृक्ष खड़ा है।
जगमग जगमग…
यहाँ पैर दिल तुम रखो सच्चा सभी है इसमें बूढा बच्चा
प्रेम से मिलकर शक्कर बाटों बाबा जी का जोहड़ छाँटो
उस मोहन की जोत जगी है।
जगमग जगमग…
अंधे को तुम नेत्र देते कोढ़ी को देते हो काया
बाँझन को तुम पुत्र देते निर्धन को देते हो माया।
जगमग जगमग…
शिला जी को तुम दर्शाए गाँव मिलकपुर मंदिर बनवाए
शिव जी का वास कराये अपनी माया को दर्शाए।
जगमग जगमग…
शिला जी की वही है विनती प्रेम से मिलकर बोलो आरती
उस मोहन की जोत जगी है, मोहन आरती होने लगी है।
जगमग जगमग…
बोलो बाबा मोहन राम की जय
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