नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए माँ लक्ष्मी जी की आरती / Maa Lakshmi Ji Aarti PDF in Hindi में प्रदान करने जा रहे हैं। दोस्तों अगर आप माता लक्ष्मी की आरती ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि माता लक्ष्मी कष्टों को हरने वाली और बुरी शक्ति को हराने वाली है जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से माता लक्ष्मी की पूजा करता है उस पर कभी भी बुरी शक्तियां नहीं आ सकती। माता रानी जी को शुक्रवार को जो याद करता है और आरती गाता है मैया रानी उनकी जरूर सुनती है और उनकी हर मनोकामना करती है आप रोजाना मैया रानी की आरती मन मन में गुनगुनाना चाहिए
माता की पूजा करने के लिए सबसे पहले आपको माता की तस्वीर की स्थापना करनी पड़ेगी। उसके पश्चात आपको माता की आरती अवश्य ही करनी है। अंत में माता को भोग लगाकर माता का आशीर्वाद अवश्य ले ऐसा करने से आपके जीवन की सभी समस्याए दूर हो जाएंगी। और आपका जीवन मंगलमय हो जाएगा। यहां से आप माता की आरती का जाप आसानी से कर सकते हैं साथ ही बिना किसी परेशानी के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके उसकी पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।
माँ लक्ष्मी जी की आरती | Maa Lakshmi Ji Aarti PDF in Hindi – सारांश
PDF Name | माँ लक्ष्मी जी की आरती | Maa Lakshmi Ji Aarti PDF in Hindi |
Pages | 3 |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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Ohm Jai Lakshmi Mata aarti lyrics in hindi
आरती लक्ष्मी जी की
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता……..
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता…….
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता……….
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता………
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता……..
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता…….
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता……….
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता…………
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता………
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