नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए कालरात्रि माता की आरती / Kalratri Mata Ki Aarti in Hindi PDF में प्रदान करने जा रहे हैं। नवरात्रों के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है और ऐसा माना जाता है कि यदि माता की पूजा पूर्ण विधि विधान से की जाए तो सभी असुर और बुरी शक्तियां अपने आप ही दूर भाग जाती है इस दिन ब्रह्मांड के सभी सिद्धियों के द्वार खुल जाते हैं इस माता के तीन नेत्र है और तीन नेत्र ही पृथ्वी अर्थात ब्रह्मांड की समान गोल है। माता के सांस लेने के समय अग्नि निकलती है माता गर्दभ की सवारी करती है।
जो भी व्यक्ति भयभीत है या बुरी शक्तियों का सामना कर रहा है उसे माता की पूजा अवश्य करनी चाहिए। माता की पूजा करने से सभी बुरी शक्तियों का सर्वनाश हो जाता है और जीवन में संपूर्ण रूप से खुशहाली छा जाती है। आज हम आप सभी के लिए माता की आरती लेकर आए हैं इसको जाप करने से आपके जीवन की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाएंगी। आपके जीवन में खुशहाली छा जाएगी इसीलिए आप यहां से माता रानी की आरती पढ़ सकते हैं साथ ही बिना किसी परेशानी के उसकी पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। माता रानी या नवरात्रों तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों संबंधित पोस्ट के लिए क्लिक करें।
कालरात्रि माता की आरती | Kalratri Mata Ki Aarti in Hindi PDF – सारांश
PDF Name | कालरात्रि माता की आरती | Kalratri Mata Ki Aarti in Hindi PDF |
Pages | 2 |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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नवरात्रि सातवें दिन की आरती | Kaalratri Mata Aarti Lyrics
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥
खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥
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