जय शिव ओमकारा आरती | Jai Shiv Omkara Aarti PDF in Hindi

नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए जय शिव ओमकारा आरती / Jai Shiv Omkara Aarti PDF in Hindi  में प्रदान करने जा रहे हैं। भगवान शिव जो कि त्रिकालदर्शी हैं और संपूर्ण संसार के स्वामी है हिंदू धर्म के अंतर्गत मृत्यु के देवता शिव के लिए प्रयुक्त गान है सोमवार के दिन अधिकतर शिवभक्त उपवास रखते हैं जिससे भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सके।

यदि आप अपने जीवन में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो यह पोस्ट स्पेशल आपके लिए है। यहां से आप भगवान शिव ओमकारा आरती देख सकते हैं इस आरती के निरंतर जाप से आप अपने जीवन की सभी समस्याओं का सामना कर सकते हैं तथा उनसे छुटकारा पा सकते हैं। जो भक्त शिव ओमकारा आरती का निरंतर जाप करते हैं भगवान की कृपा छाया उन पर बनी रहती है।

जय शिव ओमकारा आरती | Jai Shiv Omkara Aarti PDF in Hindi – सारांश

PDF Name जय शिव ओमकारा आरती | Jai Shiv Omkara Aarti PDF in Hindi
Pages 2
Language Hindi
Category Religion & Spirituality
Source pdfinbox.com
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Shiv Ji ki Aarti Om Jai Shiv Omkara | Om Jai Shiv Omkara Aarti Lyrics in Hindi

ॐ जय शिव ओंकारा, भोले हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ हर हर हर महादेव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
तीनों रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥
अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भोले शशिधारी ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगपालन करता ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि दर्शन पावत रुचि रुचि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥
लक्ष्मी व सावित्री, पार्वती संगा ।
पार्वती अर्धांगनी, शिवलहरी गंगा ।। ॐ हर हर हर महादेव..।।
पर्वत सौहे पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ।। ॐ हर हर हर महादेव..।।
जटा में गंगा बहत है, गल मुंडल माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ।। ॐ हर हर हर महादेव..।।
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥
ॐ जय शिव ओंकारा भोले हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा ।। ॐ हर हर हर महादेव….।।…
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