जगन्नाथ जी की आरती | Jagannath Ji Ki Aarti PDF in Hindi

नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप आप सभी को जगन्नाथ जी की आरती / Jagannath Ji Ki Aarti PDF in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे है। जगन्नाथ जी की रथ यात्रा पूरे भारत में बहुत ही प्रसिद्ध है और यह कहना गलत नहीं होगा कि आज के समय में यह भारत में ही नहीं पूरे विश्व में बहुत प्रसिद्ध है। जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दौरान भगवान विष्णु के लाखों की संख्या में भक्त भगवान जी के रथ को खींचकर भगवान से आशीर्वाद लेते हैं यह दिन बहुत ही पवित्र होता है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ जी अपने भाई बलराम और अपनी बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के वहां आराम करने के लिए गए थे। यदि आप भगवान जगन्नाथ की पूजा करना चाहते हैं तो आज हम आप सभी के लिए जगन्नाथ भगवान की आरती लेकर आए हैं यहां से आप भगवान की आरती का जाप निरंतर कर सकते हैं। यदि आप उसकी पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें ।

जगन्नाथ जी की आरती | Jagannath Ji Ki Aarti PDF in Hindi – विवरण

PDF Name जगन्नाथ जी की आरती | Jagannath Ji Ki Aarti PDF in Hindi
Pages 3
Language Hindi
Category Religion & Spirituality
Source pdfinbox.com
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Jagannath Baba ki Aarti PDF | Jagannath Aarti Lyrics

आरती श्री जगन्नाथ,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

  मंगलकारी नाथ आपादा हरि,
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,

अगर कपूर बाटी भव से धारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
घर घरन बजता बाजे बंसुरी,

घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
झांझ या मृदंग बाजे,ताल खनजरी,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

निरखत मुखारविंद परसोत चरनारविन्द आपादा हरि,
जगन्नाथ स्वामी के अताको चढे वेद की धुवानी,

जगन्नाथ स्वामी के भोग लागो बैकुंठपुरी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,

मार्कंडेय स्व गंगा आनंद भरि,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,

सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
धन धन ओह सुर स्वामी आनंद गढ़ी,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
मंगलकारी नाथ आपादा हरि,

कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,
अगर कपूर बाटी भव से धारी,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी

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