हरियाली अमावस्या व्रत कथा | Hariyali Amavasya Vrat Katha PDF

नमस्कार पाठकों, आज हम इस लेख के द्वारा हरियाली अमावस्या व्रत कथा / Hariyali Amavasya Vrat Katha PDF प्रदान करने जा रहे हैं। सावन महीने के कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि के अगले दिन हरियाली अमावस्या होती है। इस दिन पेड़ पौधों की पूजा का प्रावधान है मुख्य रूप से इस दिन पीपल और तुलसी के पौधों की पूजा की जाती है। क्योंकि हिंदू धर्म के अंतर्गत पीपल के वृक्ष में ब्रह्मा विष्णु और भगवान महेश का वास होता है।

यदि आप इस दिन वृक्ष लगाते हैं तो यह बहुत फलदाई माना जाता है ऐसा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। यदि आप इस दिन व्रत रखते हैं तो आपके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। आप पर और आपके परिवार पर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। आज इस पोस्ट के माध्यम से आप हरियाली अमावस्या की कथा को पढ़ सकते हैं। और नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके कथा की पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

हरियाली अमावस्या व्रत कथा | Hariyali Amavasya Vrat Katha PDF – सारांश

PDF Name हरियाली अमावस्या व्रत कथा | Hariyali Amavasya Vrat Katha PDF
Pages 1
Language Hindi
Source pdfinbox.com
Category Religion & Spirituality
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हरियाली अमावस्या की व्रत कथा | Hariyali Amavasya Ki Vrat Katha PDF

बहुत समय पहले एक प्रतापी राजा रहता था उसके महल में उसके साथ बेटा और बहू रहते थे। एक दिन बहू चोरी से मिठाई खा लेती है और नाम चूहे का लगा देती है चूहे को इस बात पर बहुत गुस्सा आ जाता है। और वह यह निश्चित निश्चय कर लेता है कि राजा के सामने चोर को लेकर आऊंगा।

इस घटना के कुछ दिन पश्चात ही राजा के वहां कुछ मेहमान आते हैं। सभी मेहमान एक कमरे में सोए हुए थे चूहा अपने बदले के लिए तैयार था और वह रानी की साड़ी को ले जाकर उनके कमरे में रख देता है। अगले दिन जब सुबह मेहमान की आंखें खुलती है तो वह रानी की साड़ी को अपने पास देख कर हैरान हो जाता है। जब यह पूरी बात राजा को पता चलती है तो वह बहू को महल से निकाल देता है।

इसके पश्चात रानी शाम को रोज दिया जलाती थी और ज्वार उगाने का काम किया करती थी। इसके साथ ही गुड़धानी का प्रसाद बांटा करती थी। एक दिन जब राजा उस रास्ते से निकल रहा था तो उसकी नजर उन दियो पर पड़ती है। राजा जैसे ही अपने महल पहुंचता है तो अपने सैनिकों को आदेश दे देता है कि जाकर देख कर आओ है वह चमत्कारी चीज क्या थी।

सभी सैनिक जंगल में पीपल के वृक्ष के नीचे गए और वह देखते हैं कि सभी दिए आपस में बात कर रहे थे सभी आपस में एक दूसरे को अपनी कहानी बता रहे थे। तभी एक शांत दिया बताता है कि मैं रानी का दिया हूं वह बताता है कि जब रानी ने मिठाई चोरी की थी तो उसने चूहे को फंसा दिया था। चूहे ने रानी से बदले ने बदला लेने के लिए रानी की साड़ी को मेहमानों के कमरे में रख दिया।

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