गणेश चतुर्थी पूजा विधि | Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi PDF

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप गणेश चतुर्थी पूजा विधि / Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। आज भगवान गणेश की पूजा भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में भी की जाती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सबसे पहले पूजे जाने का वरदान प्राप्त है। गणेश चतुर्थी एक बहुत ही प्रसिद्ध त्यौहार है। गणेश चतुर्थी को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में किसी विशेष विपत्ति का सामना कर रहा है और वह इस दिन भगवान गणेश की पूजा करता है, तो उसे सभी विपत्तियों से मुक्ति अवश्य मिलती है। भगवान गणेश की पूजा की सही विधि जानना भी बहुत जरूरी है। आप इस पोस्ट में गणेश जी की पूजा कैसे करें / Ganesh Ji Ki Puja Vidhi देख सकते हैं। और आप नीचे दिए गए डाउनलोड पीडीएफ बटन पर क्लिक करके पूजा विधि पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि | Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi PDF – सारांश

PDF Name गणेश चतुर्थी पूजा विधि | Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi PDF
Pages 2
Language Hindi
Our Website pdfinbox.com
Category Religion & Spirituality
Source pdfinbox.com
Download PDF Click Here

 

गणेश पूजा विधि | Ganesh Puja Vidhi

  • सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें क्योंकि आप साफ कपड़े धारण करने के पश्चात ही भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।
  • उसके बाद गणपति पूजन शुरू करने से पहले संकल्प लें।
  • संकल्प करने के दौरान हाथों में जल और चावल अवश्य लें।
  • संकल्प के समय आप जिस दिन पूजा कर रहे हैं उस वर्ष, वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा से बोले और फिर हाथों में जो जल ले रखा है उसे जमीन पर छोड़ दें।
  • अपने बाएं हाथ की हथेली में जल ले और उसके पश्चात दाहिने हाथ की अनामिका उंगली आसपास की उंगलियों से यह मंत्र बोलते हुए खुद के ऊपर और पूजन सामग्रियों के ऊपर जल छिड़के।

ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभंतर: शुचि:।।

  • चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • पूर्ण आस्था के साथ घी का दीया जलायें।
  • दीपक, रोली,  कुंकु, अक्षत, फूल, आदि से पूजन करें और फिर अगरबत्ती, धूप बत्ती जलाएं।
  • एक जल से भरा हुआ कलश स्थापित करके कलश का पुष्प, अक्षत, रोली, कुंकु, आदि से पूजन करें।
  • भगवान गणेश जी का ध्यान करते हुए हाथ में अक्षत, पुष्प लेकर नीचे दिए हुए मंत्र का आवाहन अवश्य करें।

ॐ सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः.
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः.
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा.
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते॥

  • भगवान गणेश जी को अक्षत और फूल को समर्पित कर दें।
  • भगवान जी को कच्चे दूध, पंचामृत और जल से स्नान कराएं।
  • फिर नवीन वस्त्र और आभूषण भगवान गणेश जी को अर्पित करें।
  • अक्षत, सिंदूर, पुष्प, कुंकु, इत्र अर्पित करें।
  • उसके पश्चात धूप और दीपक जलाएं।
  • गणेश जी को मोदक बहुत ही अधिक पसंद है इसलिए मोदक, मिठाइयां, गुड और ऋतुफल जैसे – चीकू, केला आदि को अर्पित करें।
  • फिर श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
  • सबसे अंत में भगवान गणेश जी की आरती करें।
  • आरती करने के पश्चात भगवान की परिक्रमा करके पुष्पांजलि दे।
  • दोनों हाथ जोड़कर पूजा में कुछ कमी रह गई हो तो उसके लिए क्षमा मांगते हुए नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण करें और मन ही मन अपनी इच्छा व्यक्त करें।

मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आप गणेश चतुर्थी पूजा विधि / Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।

Download PDF


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *