बृहस्पतिवार की आरती | Brihaspativar Aarti in Hindi PDF

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप बृहस्पतिवार की आरती / Brihaspativar Aarti in Hindi PDF प्राप्त कर सकते हैं। सभी ग्रहों में प्रथम नाम बृहस्पति देव का आता है और इन्हें सभी ग्रहों में सर्वोत्तम माना जाता है। इन्हें एक अन्य नाम गुरु बृहस्पति से भी जाना जाता है बृहस्पति जी की पूजा मुख्य रूप से गुरुवार के दिन की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से बृहस्पति जी की पूजा करता है उसको सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

यदि आप अपने जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस पोस्ट के माध्यम से आप निरंतर बृहस्पति जी की आरती करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं साथ ही अपने परिवार को और खुद को सभी प्रकार के संकटों से मुक्त कर सकते हैं। आप यहां से बिना किसी परेशानी बृहस्पति जी की आरती देख सकते हैं। इसकी पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।

 

बृहस्पतिवार की आरती | Brihaspativar Aarti in Hindi PDF – सारांश

PDF Name बृहस्पतिवार की आरती | Brihaspativar Aarti in Hindi PDF
Pages 2
Language Hindi
Source pdfinbox.com
Category Religion & Spirituality
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बृहस्पति देव की आरती | Brihaspati Dev Ki Aarti PDF

 

|| बृहस्पति देव आरती ||

ऊँ जय बृहस्पति देवा,जय बृहस्पति देवा।

छिन छिन भोग लगाऊँ,कदली फल मेवा॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

तुम पूर्ण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी।

जगतपिता जगदीश्वर,तुम सबके स्वामी॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

चरणामृत निज निर्मल,सब पातक हर्ता।

सकल मनोरथ दायक,कृपा करो भर्ता॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

तन, मन, धन अर्पण कर,जो जन शरण पड़े।

प्रभु प्रकट तब होकर,आकर द्वार खड़े॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

दीनदयाल दयानिधि,भक्तन हितकारी।

पाप दोष सब हर्ता,भव बन्धन हारी॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

सकल मनोरथ दायक,सब संशय तारो।

विषय विकार मिटाओ,सन्तन सुखकारी॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

जो कोई आरती तेरीप्रेम सहित गावे।

जेष्टानन्द बन्दसो सो निश्चय पावे॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

 

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