नमस्कार दोस्तों, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आप सभी के लिए नंदा सप्तमी व्रत कथा / Nanda Saptami Vrat Katha PDF लेकर आए हैं। यह सप्तमी प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान सूर्य, भगवान गणेश और देवी नंदा की पूजा की जाती है। नंदा सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात बाकी दैनिक क्रिया करनी चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति नंदा सप्तमी का व्रत रख कर पूर्ण आस्था के साथ विधि विधान से पूजा करता है उसकी सभी मनोकामना कामनाएं पूरी होती है। इस व्रत को रखने से मन को शांति की प्राप्ति होती है। यदि आप अपने जीवन में किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं या भगवान की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अवश्य ही अपनी यह व्रत रखना चाहिए। Nanda Saptami Ki Katha को पूरा पढ़ने पोस्ट पर बने रहें। आप इस पोस्ट में लास्ट में जाकर PDF को डाउनलोड कर सकते हैं ।
नंदा सप्तमी व्रत कथा | Nanda Saptami Vrat Katha PDF – सारांश
PDF Name | नंदा सप्तमी व्रत कथा / Nanda Saptami Vrat Katha PDF in Hindi |
Pages | 2 |
Language | Hindi |
Our Website | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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नंदा व्रत कथा / Nanda Vrat Katha
प्राचीन कथा के अनुसार बहुत समय पहले गोकुल के राजा नंद और उनकी पत्नी यशोदा संतान सुख के लिए बहुत दुखी थे। लंबे समय तक उनके कोई संतान नहीं थी, जिससे वे बहुत परेशान रहते थे। इस पर एक दिन भगवान श्री कृष्ण के भक्तों में से एक ब्राह्मण ने नंद और यशोदा से कहा कि यदि वे माघ मास की शुक्ल सप्तमी को एक विशेष व्रत रखेंगे तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होगी।
नंद और यशोदा ने इस व्रत को करने का निर्णय लिया। उन्होंने माघ मास की शुक्ल सप्तमी को व्रत रखते हुए व्रत रखा। व्रत के दौरान नंद और यशोदा ने पूरे मन से देवी नंदिनी की पूजा की और उनसे संतान सुख की प्रार्थना की। भगवान श्री कृष्ण की कृपा से उनके व्रत का शीघ्र ही फल मिला और यशोदा ने एक सुंदर बालक को जन्म दिया, जो भगवान श्री कृष्ण के रूप में गोकुल में प्रकट हुए।
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