नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप जया पार्वती व्रत कथा / Jaya Parvati Vrat Katha PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। इस व्रत को बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। जया पार्वती व्रत में माता पार्वती की पूजा की जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाओं के द्वारा रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस व्रत को रखता है माता उसकी सभी समस्याएं दूर कर देती है और उसको मनचाही वस्तु की प्राप्ति होती है।
यह व्रत आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है वर्ष 2023 में यह 1 जुलाई को रखा जाएगा। जया पार्वती व्रत 5,7,9 या शायद 11 वर्षों तक वर्ष में 5 दिन तक रखा जाता है। आप इस पोस्ट में जया पार्वती व्रत कथा 2023 को पढ़ सकते हैं। और नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके व्रत की पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।
जया पार्वती व्रत कथा | Jaya Parvati Vrat Katha PDF in Hindi – सारांश
PDF Name | जया पार्वती व्रत कथा | Jaya Parvati Vrat Katha PDF in Hindi |
Pages | 2 |
Language | Hindi |
Source | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
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जया पार्वती की व्रत कथा | Jaya Parvati Ki Vrat Katha
प्राचीन कथा के अनुसार एक कौडिन्य नगर में वामन नाम का एक योग्य ब्राह्मण रहा करता था। उसकी पत्नी जिसका नाम सत्या था। उनके घर में किसी भी वस्तु की कोई कमी नहीं थी। वह बहुत ही धनवान थे। परंतु कोई भी संतान न होने के कारण वे बहुत ही दुखी रहते थे। एक दिन की बात है कि नारद जी उनके घर पर पधारें।
दोनों पति-पत्नी ने नारद जी की खूब सेवा की और नारद जी से अपनी समस्या का समाधान पूछा। तब नारदजी उन्हें बताते हैं कि तुम्हारे नगर के बाहर जो वन है उसके दक्षिण भाग में बिल्व वृक्ष के नीचे लिंगरूप में भगवान शिव और माता पार्वती साथ विराजमान है। यदि आप उनकी पूजा करोगे तो आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी। उसके बाद ब्राह्मण ने उस वन में शिवलिंग को ढूंढ कर पूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की। यह क्रम निरंतर चलता रहा। क्रम को चलते चलते 5 साल बीत गए।
जब एक दिन ब्राह्मण पूजन करने के लिए फूल तोड़ रहा था तो उसको एक सांप काट लेता है। जिस वजह से ब्राह्मण वही जंगल में गिर गया। उसकी पत्नी ने काफी देर तक ब्राह्मण का इंतजार किया परंतु जब काफी देर के बाद ब्राह्मण नहीं लौटा तो वह जंगल में उसे ढूंढने के लिए जाती है। वह देखती है कि उसके पति को सांप ने काट लिया है और उसकी हालत बहुत ही खराब है। यह सब देख कर वह बहुत रोने लगी उसने वन देवता और माता पार्वती को याद किया।
जब ब्राह्मणी की पुकार वनदेवता और माता पार्वती ने सुनी तो वे वहाँ पर प्रकट हो जाते हैं। उसके बाद ब्राह्मण के मुख में अमृत डालते है जिससे ब्राह्मण को होश आ जाता है। और ब्राह्मण उठ जाता है। माता पार्वती उन्हें विजया पार्वती का व्रत रखने का सुझाव देती है। दोनों पति पत्नी ने माता पार्वती की पूजा की उनकी पूजा से प्रसन्न होकर माता पार्वती उन दोनों से एक वर मांगने के लिए कहा ब्राह्मण माता पार्वती से संतान प्राप्ति के लिए इच्छा व्यक्त करता है और माता पार्वती के आशीर्वाद से उनके घर में एक पुत्र का जन्म होता है।
जो भी यह व्रत कथा ध्यान से सुनता है और सच्चे दिल से पूजा करता है उसे अपने जीवन में मनचाही वस्तु की प्राप्ति होती है। और किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
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