नमस्कार दोस्तों, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आप सभी के लिए अक्षय नवमी व्रत कथा / Akshay Navami Vrat Katha PDF लेकर आए हैं। अक्षय नवमी को एक अन्य नाम आंवला नवमी से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के अंतर्गत अक्षय नवमी को बहुत ही महत्वपूर्ण एवं पूजनीय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अक्षय नवमी के दिन ही सतयुग की शुरुआत हुई थी। और इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का प्रावधान है। यदि आप इस दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा करते हैं तो आपकी मनचाही इच्छा पूर्ण होगी।
इस दिन दान-पुण्य को बहुत ही अच्छा बताया जाता है। अक्षय नवमी के दिन व्रत रखकर व्रत कथा का जाप करके आप अपने परिवार में सुख, शांति स्थापित कर सकते हैं। Amla Navami Katha को पढ़ने के लिए इस पोस्ट पर बने रहें और कथा को पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड करने के लिए पोस्ट के लास्ट में दिख रहे डाउनलोड पीडीएफ बटन पर क्लिक करें।
अक्षय नवमी व्रत कथा | Akshay Navami Vrat Katha PDF – सारांश
PDF Name | अक्षय नवमी व्रत कथा / Akshay Navami Vrat Katha PDF |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Our Website | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
Download PDF | Click Here |
आंवला नवमी व्रत कथा / Amla Navami Vrat Katha
एक बार की बात है धन की देवी माता लक्ष्मी धरती पर आईं। तब उन्होंने देखा कि धरती पर सभी लोग भगवान शिव और श्री हरि विष्णु की पूजा कर रहे हैं। यह देखकर उनके मन में दोनों देवताओं की पूजा करने का विचार आया, फिर उन्होंने सोचा कि कैसे दोनों देवताओं की एक साथ पूजा की जाए। वह इसी विचार में लीन थीं।
कुछ समय बाद उन्हें ध्यान आया कि धरती पर दोनों की एक साथ पूजा केवल आंवले के पेड़ के सामने ही की जा सकती है क्योंकि केवल आंवले में ही बेल और तुलसी दोनों के गुण होते हैं। इसके बाद उन्होंने भक्ति भाव से उनकी पूजा की। देवी लक्ष्मी की भक्ति देखकर श्री हरि और शिव प्रकट हुए और आंवले के पेड़ के पास भोजन बनाकर दोनों देवताओं को खिला दिया। तब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है।
नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आप आंवला नवमी की कथा / Amla Navami Ki Katha PDF डाउनलोड कर सकते हैं।