नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए मां कूष्मांडा देवी की आरती | Maa Kushmanda Devi Ki Aarti PDF in Hindi में प्रदान करने जा रहे हैं। नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा की जाती है ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति माता कुष्मांडा की पूजा दिल से करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उस पर माता की असीम कृपा बनी रहती है साथ ही कुष्मांडा माता मुख्य रूप से सूर्य लोक में विराजमान रहती हैं।
माता में इतनी शक्ति विद्यमान है कि वे सूर्य में निवास कर सकती हैं इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर सभी जीवो में माता रानी की तीव्र विद्यमान है। आज हम आप सभी के लिए माता रानी की आरती लेकर आए हैं जिसके आपसे आप अपने कष्टों का निवारण कर सकते हैं। और माता रानी का नियमित जाप कर सकते हैं नवरात्रों या अन्य धार्मिक चीजों को देखने के लिए क्लिक करें।
मां कूष्मांडा देवी की आरती | Maa Kushmanda Devi Ki Aarti PDF in Hindi – सारांश
PDF Name | मां कूष्मांडा देवी की आरती | Maa Kushmanda Devi Ki Aarti PDF in Hindi |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfinbox.com |
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कुष्मांडा माता की आरती | नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की आरती
कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी माँ भोली भाली॥
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदंबे।
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
माँ के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो माँ संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥
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