नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप कामिका एकादशी व्रत कथा / Kamika Ekadashi Vrat Katha PDF Hindi प्राप्त कर सकते हैं। हिंदू धर्म के अंतर्गत कामिका एकादशी को बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है क्योंकि यह एकादशी श्रावण के महीने में आती है इसीलिए यह भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय है।
कोई भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा करता है तो उसे मनचाही वस्तु की प्राप्ति होती है। और अपने सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही वह जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति करके मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। इस पोस्ट के माध्यम से आप कामिका एकादशी 2023 व्रत कथा को आसानी से पढ़ सकते हैं। यदि आप व्रत कथा की पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।
कामिका एकादशी व्रत कथा | Kamika Ekadashi Vrat Katha PDF – सारांश
PDF Name | कामिका एकादशी व्रत कथा | Kamika Ekadashi Vrat Katha PDF Hindi |
Pages | 1 |
Language | Hindi |
Source | pdfinbox.com |
Category | Religion & Spirituality |
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कामदा एकादशी व्रत कथा | Kamada Ekadashi Vrat Katha PDF
किसी गाँव में एक वीर क्षत्रिय रहता था। एक दिन किसी कारणवश उसकी एक ब्राह्मण से झड़प हो गई और ब्राह्मण की मृत्यु हो गई। वह क्षत्रिय अपने ही हाथों मरे हुए ब्राह्मण का कर्म करना चाहता था। लेकिन पंडितों ने उन्हें कार्रवाई में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने बताया कि तुम ब्रह्म-हत्या के दोषी हो। पहले पश्चाताप करके इस पाप से छुटकारा पाओ, फिर हम तुम्हारे घर भोजन करेंगे।
इस बात को सुनकर क्षत्रिय पूछता है कि इस पाप से मुक्त होने के उपाय क्या है? तब ब्राह्मणों ने बताया कि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को व्रत रखकर भक्तिपूर्वक भगवान श्रीधर की पूजा करने, ब्राह्मणों को भोजन कराने और सदाश्रीना सहित आशीर्वाद लेने से इस पाप से मुक्ति मिल जाएगी। पंडितों द्वारा बताई गई विधि के अनुसार व्रत करने की रात में भगवान श्रीधर ने क्षत्रिय को दर्शन दिए और कहा कि तुम्हें ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिल गई है।
इस कथा को जो भी ध्यान पूर्वक सुनता है और पूर्ण विधि-विधान के साथ व्रत करता है उसके जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं वह जीवन के समस्त सुखों को भोग कर विष्णु लोक में चला जाता है साथ ही समस्त परिवार पर भगवान विष्णु जी की कृपा बनी रहती है।
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