शिवजी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti PDF in Hindi

नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए शिवजी की आरती / Shiv Ji Ki Aarti PDF in Hindi  में प्रदान करने जा रहे हैं। भगवान शिव को संपूर्ण संसार का स्वामी माना जाता है और भगवान शिव बहुत ही दयालु है ऐसा माना जाता है जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से भगवान शिव की आराधना करता है उसे अपने जीवन में सभी समस्याओं का हल मिल जाता है और वह इस दुनिया से परे स्वर्ग लोक में निवास करता है।

आज हमारे सभी के लिए भगवान शिव की आरती लेकर आए हैं इसके निरंतर जाप से आप अपने जीवन को इस मायावी रूपी जाल सेमुक्त कर सकते हैं और आने वाली समस्याएं से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं यहां से आप आसानी से भगवान शिव की आरती पढ़ सकते हैं और बिना किसी समस्या के उसके पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

शिवजी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti PDF in Hindi – सारांश

PDF Name एकादशी व्रत कथा | Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi
Pages 3
Language Hindi
Category Religion & Spirituality
Source pdfinbox.com
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Shiv Aarti | Om Jai Shiv Omkara Lyrics

ॐ जय शिव ओंकारा, भोले हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥

ॐ हर हर हर महादेव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥

ॐ हर हर हर महादेव..॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
तीनों रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥

ॐ हर हर हर महादेव..॥

अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भोले शशिधारी ॥

ॐ हर हर हर महादेव..॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥

ॐ हर हर हर महादेव..॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगपालन करता ॥

ॐ हर हर हर महादेव..॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका ॥

ॐ हर हर हर महादेव..॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि दर्शन पावत

रुचि रुचि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥

ॐ हर हर हर महादेव..॥

लक्ष्मी व सावित्री, पार्वती संगा ।
पार्वती अर्धांगनी, शिवलहरी गंगा ।।

ॐ हर हर हर महादेव..।।

पर्वत सौहे पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ।।

ॐ हर हर हर महादेव..।।

जटा में गंगा बहत है, गल मुंडल माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ।।

ॐ हर हर हर महादेव..।।

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥

ॐ हर हर हर महादेव..॥

ॐ जय शिव ओंकारा भोले हर शिव ओंकारा

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा ।।

ॐ हर हर हर महादेव….।।…

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